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जिंदगी और मैकदा

क्यूँ तरपता है कोई किसी के लिए
क्यूँ मचलता है कोई किसी के लिए
जिंदगी देती है धोखा बेखुदी के लिए
मैकदा करता है स्वागत जिंदगी के लिए
               मैकदे में अब हम भी जाने लगे हैं 
               अपने हाथों में जाम अब सजाने लगे हैं 
               शाकी की नजर भी अब देखने लगी हैं हमें  
               जाम होंठो से अब हम लगाने लगे है 
कोई जाता है मैकदे दिल जलाने के लिए 
कोई जाता है मैकदे जले दिल को बुझाने के लिए 
शाकी ने कहा पिने वाले सुनो 
क्या आते हो तुम दिल लगाने के लिए  
               सुना है यहाँ ना कोई तन्हाई है 
               होती यहाँ ना किसी की रुसवाई है 
               लोग जीते है यहाँ पर जिंदगी के लिए 
               लोग पीते हैं यहाँ पर ख़ुशी के लिए 
निगाहों में देखोगी तुम शाकी अगर
नजर आएगी इसमें कहानी मेरी
क्यूँ आया हूँ मैं मैकदे में यहाँ
जान जावोगी सारी कहानी अभी
               इतनी पिला दे नजर से की नजर ढल जाये मेरी
               इतनी पिला दे की होश न आये कभी
               इतनी पिला दे की लोग शराबी कहने लगे
               इतनी पिला दे की पैमाने छोटे लगने लगे
एक आएगा वक़्त सब बदल जायेगा
जाम होंठो पर आकर तब ढल जायेगा
तेरी नजर भी तब धोखा देंगी मुझे
मेरे चेहरे का रंगत बदल जायेगा
               कोई कहेगा की ये दीवाना चला
               कोई कहेगा की ये पिने वाला चला  
               सारी दुनिया करेगी तब शिकायत मेरी
               तेरे होंठों पे भी नाम मेरा आएगा
अपने पलकों पे आँशु ना लाना कभी
ये कहानी किसी को ना सुनाना कभी
सुन के कहानी ये मैकदा रोने लगेगा
दुनिया को फरेबी कहेंगे सभी
               दुनिया से पाकर धोखा थके मुसाफीर कहा जायेंगे
               मैकदा है जन्नत सब लौट यहीं आयेंगे
               मैकदा है जन्नत सब लौट यहीं आयेंगे
               मैकदा है जन्नत सब लौट यहीं आयेंगे.......

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