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"My First Story"

My First Story, don’t know what to write how to write. I am very afraid about my first story, perhaps it’s not going to find any end :)



विस्की के ग्लास में धीरे धीरे पिघलता हुआ बर्फ और हाथ में जलता हुआ सिगरेट , ना जाने किसकी सोच में गूम था की वो भूल गया था सिगरेट का कस लेना । सामने के टीवी स्क्रीन पे कभी आईपीएल तो कभी पॉलिटिक्स के न्यूज़ बार बार बदल रहे थे पर इन सब से बेखबर वो किसी और दुनिया में गूम था । ग्लास में पिघलता हुआ बर्फ भी अपना दम तोर चूका था , सिगरेट  के दुसरे किनारे पे जलता हुआ आग जब उसके उंगुलियों को छुया तब वापस आ गया अपनी दुनिया में . सामने के  फ्रीज से 2-4  आइस क्यूब अपने ग्लास में  मिला के, वो दूसरा सिगरेट  जलाने लगा . उसे समझ में नहीं आ रहा था की उसने जो किया वो सही था या गलत. इसी सवाल का जबाब ढूंढते ढूंढते वो 4-5 पेग पि चूका था . शायद अल्कोहल का असर होगा की उसे इतना टाइम लग रहा था खुद के फैसले को जज करने मे. 2 पेग और लगाने के बाद उसने दूसरा सिगरेट जलाया आर वापस चला गया अपनी दुनिया में जहा उसे ये जानना था की उसने जो भी किया वो सही था या गलत .
कभी कभी हम जिंदगी से बहुत उम्मीद कर लेते है , और सारी  उम्मीदें ना पूरी होने पर इतने निराश  हो जाते है की लगता है कुछ पाया ही ना हो. सब कुछ तो था उसके पास , एक हँसता हुआ परिवार माँ पापा बहन भाई  और वो जिसे वो खुद से ज्यादा प्यार करता है उसका प्यार पूजा . शायद किसी ने सच ही कहा है शराब पिने से गम भुलाया नहीं जाता बल्कि और बढ़ जाता है दर्द , जो सवाल हम ज़माने से करना चाहते है खुद से करने लगते है. उसे खुद की मनोदशा समझ में नहीं आ रही है  .ऐसा लग रहा है जैसे वक़्त पीछे ले जा रहा है ऐसा लग रहा है जैसे वो वापस बचपन में लौट गया है , या शायद उसने ज्यादा पि ली है. उसे लग रहा है कोई उसे बुला रहा है, शायद माँ बुला रही है…. निशित उठो ....निशीईईइत ....बेटा स्कूल नहीं जाना है ,उठों .......