लरकी देखती है अपने आशीक को सोते हुए , बहुत प्यार करने का जी करता है उसे और तभी उठाती है खंज़र और भोंक देती है अपने आशीक के सीने में , उसे मंज़ूर नहीं है उस दील का धरकना जीसने उसे धोखा दीया............लरका खोलता है अपनी आँखों को,लहूॅ सी लाल आँखे.........होंठो पे मीठी पर दर्द भरी हंसी लीये विदा करता है अपने महबूब को और मूँदता है पलकों को आखिरी बार। शुकुन से भरा हुवा और शांत परा चेहरा जैसे बोलना चाह रहा हो शुक्रिया मेरी जान , इतनी देर क्यों कर दी
लरकी खामोश बैठे देखती है कूछ पल को और फीर चूप - चाप चली जाती है कही, अपने आशीक के माथे पे प्यार की एक निशानी छोरकर...........और उसे सुनाई देता है कुछ अनकहा सा..........जैसे कोई बोल रहा हो
"लव यू टू , ख्याल रखना !!!!!!!!!!"
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